अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार कलयुग का प्रधान तीर्थ है। जहां संत निवास करते हैं। वह स्थान तीर्थ के सम्मान पवित्र हो जाता है। सप्तऋषियों की भूमि पर बन रहा अखंड दयाधाम धर्म और सेवा का प्रमुख केंद्र बनेगा। उन्होंने यह बात सप्तसरोवर मार्ग स्थित अखंड दयाधाम के भूमि पूजन और श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम अवसर पर आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि स्वामी भास्करानंद महाराज विद्वान संत है। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम में आश्रय के साथ स्वामी भास्करानंद महाराज के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म के संबंध में मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि परमार्थ के लिए जीने वाले संतों का अपना कुछ नहीं होता। भक्तों के सहयोग से संत आश्रम का निर्माण समाज के लिए करते हैं।इस अवसर पर परमानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, स्वामी गोविंदानंद, स्वामी नवल गिरी, महामंडलेश्वर आनन्द चैतन्य, महंत राघवेंद्र दास, महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी जयकृष्णानंद गिरी आदि संतों ने भी उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को आशीवर्चन प्रदान किए। ट्रस्टी प्रेम गोयल, विजय गोयल, श्याम अग्रवाल, पुरुषोत्तम अग्रवाल आदि मौजूद रहे।