अस्तित्व खो रहीं हैं दवा फैक्टरी, मारा-मारा फिर रहा है मजदूर

भले ही पहाड़ों में उद्योग स्थापित कर बेरोजगारों को रोजगार देने के दावे हो रहे हैं लेकिन पूर्व में स्थापित उद्योग बंद कर लोगों का रोजगार छीना जा रहा है। अल्मोड़ा जिले में अपना अस्तित्व खो रहीं दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने वालीं दो दवा फैक्टरी इसका प्रमाण हैं। रानीखेत में स्थापित 1000 लोगों को रोजगार देने वाली फैक्टरी निजी हाथों में सौंप दी गई और 950 से अधिक लोग बेरोजगार होकर मारे-मारे फिर रहे हैं। वहीं सल्ट के मोहान में संचालित दवा फैक्टरी के निजी हाथों में सौंपने की तैयारी होते ही 300 लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा गया है। रानीखेत में स्थापित दवा फैक्टरी की राज्य गठन से पूर्व देश-दुनिया में अलग पहचान थी। 80 के दशक तक फैक्टरी में करीब 1000 कामगार नौकरी कर रोजगार से जुड़े थे। राज्य गठन के बाद हिमालयी जड़ी बूटियों का संरक्षण और आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करने वाली यह सरकारी दवा फैक्टरी अपना अस्तित्व नहीं बचा सकी और 2023 में इसे निजी हाथों में सौंप दिया गया। अब यहां मात्र 15 कर्मचारियों की तैनाती है और 985 लोगों से रोजगार छिन गया।

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