करीब आधा दर्जन वन तस्कर वन विभाग के रडार पर हैं। इन्हें पकड़ने के लिए विभाग की टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। इन दिनों क्षेत्र में छूट प्रजाति के पेड़ काटने वाले कई तस्कर भी सक्रिय हैं। ये छूट प्रजाति की आड़ में प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों पर ऑटोमैटिक आरियों से पातन कर रहे हैं। क्षेत्र में अब तक वन तस्करों ने खैर के कई पेड़ काट चुके हैं। कई वन तस्करों को वन विभाग जेल भेज चुका है, लेकिन करीब आधा दर्जन तस्कर अबतक फरार चल रहे हैं। इन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें लगी हुई हैं। खैर के सबसे ज्यादा पेड़ लच्छीवाला रेंज में काटे गए हैं। तस्कर अब तक माउंट लिट्रा स्कूल से सटे फ्लाई ओवर के पास स्थित जंगल और हरिद्वार मार्ग के किनारे स्थित लच्छीवाला रेंज के जंगलों से दर्जनों खैर के पेड़ काटकर ले जा चुके हैं। बड़कोट वन रेंज के जंगल से भी कुछ खैर के पेड़ काटे गए हैं। नए शासनादेश के बाद 15 प्रजातियों के पेड़ों को छोड़ सभी को छूट प्रजाति में शामिल करने से क्षेत्र में कई टीमें लगभग हर रोज पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। किसी भी वन रेंज के अधिकारी छूट प्रजाति के पेड़ों को कटने से नहीं बचा पा रहे हैं।
खैर तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इससे कई तस्कर पकड़े जा चुके हैं। फरार तस्करों को पकड़ने के लिए टीमें लगी हुई हैं। नए शासनादेश के बाद छूट प्रजाति के पेड़ों को काटने के मामले में कार्रवाई किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।