इस आश्रम को चौरासी कुटिया के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गोहरी रेंज में आता है। आश्रम में 140 गुंबदनुमा और 84 ध्यान योग कुटिया हैं।
करीब 92 करोड़ रुपये से प्रसिद्ध चौरासी कुटिया क्षेत्र को संवारा जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा चुकी है। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने कार्यदायी संस्था नामित किए जाने के लिए शासन को पत्र भेजा है। विभाग का कहना है कि स्वीकृति मिलते ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 1961 में महर्षि योगी ने करीब 7.5 हेक्टेयर भूमि पर आश्रम बनाया था। इस आश्रम को चौरासी कुटिया के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के गोहरी रेंज में आता है। आश्रम में 140 गुंबदनुमा और 84 ध्यान योग कुटिया हैं।वर्ष 2000 में वन विभाग ने इस आश्रम का अधिग्रहण कर लिया था। लेकिन रख रखाव के अभाव में यह आश्रम जीर्णशीर्ण अवस्था में है। अब प्रदेश सरकार ने चौरासी कुटिया को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। पार्क प्रशासन ने इसके लिए एक नामी कंपनी से डीपीआर तैयार कराई है। करीब 92 करोड़ रुपये की लागत से चौरासी कुटिया क्षेत्र को संवारा जाएगा।