एचआरडीए से सिंचाई विभाग नहरों में सीवर गिराने वालों का नक्शा पास नहीं करने का करेगा अनुरोध

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर सिंचाई विभाग अब नहरों में गंदगी गिराने वालों के भवन नक्शा नहीं पास करने का अनुरोध करेगा। एक सप्ताह से शहर और देहात के क्षेत्रों में कई स्थानों पर नहर किनारे बसी आबादी को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। टीम ने अब तक कुल चार वार्ड नगरीय क्षेत्र के चिन्हित किए हैं। वहीं, इसमें बसी आबादी की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अधिशासी अभियंता मंजू डैनी ने बताया कि नहर, गूल, और रजवाहों में गंदगी की शिकायत लगातार मिल रही है। इसको देखते हुए शहर से देहात तक टीम को भेजा जा रहा है। उन मकानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनके सीवर का पानी या अन्य तरह की गंदगी नहर में जा रही है। इनको सूचीबद्ध करते हुए इन भवनों का स्वीकृत नक्शा निरस्त करने और नए आवेदनों की जांच कराने की मांग एचआरडीए से की जा रही है। अधिशासी अभियंता ने कहा कि विभाग नोटिस भेजने के साथ ही इसकी पूरी रिपोर्ट भी एसडीएम को प्रेषित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अकेले जगजीपुर और कनखल क्षेत्र के करीब दो हजार से अधिक भवनों को चिन्हित किया जा चुका है, जो गंगा की शाखाओं में सीवर पाइप के जरिए डाल रहे हैं।

नहरों में सीवर और गंदगी डालना इसके किनारे बसी कॉलोनियों की मजबूरी बन चुकी है। वर्ष 2002 में राज्य गठन के बाद नगर निगम का तीसरा चुनाव होने जा रहा है। अधिकांश कॉलोनियां जो नहरों के किनारे बसी यहां पर सीवर और जल निकास जैसी समस्याओं को अनदेखा किया गया। इसमें प्रमुख रूप से जगजीतपुर के कई वार्ड शामिल हैं। इसी तरह कनखल क्षेत्र से निकल रही नहर किनारे जो भवन बने हैं, उन्हें आवागमन के लिए नहर की पटरी तो मिल गई, लेकिन सीवर और जल निकास का विकल्प नहीं मिला। हालत यह है कि घरों का पानी नहर में मिला दिया गया है। वार्ड के पार्षदों का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रस्ताव भी दिया, लेकिन सीवर और जल निकास की कार्ययोजना को स्वीकृति नहीं मिली। पेयजल के लिए लाइन विश्व बैंक की परियोजना लागू होने के बाद वर्ष 2022 से सुधरी है।

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