कचरे के निस्तारण की भारी चुनौतियों के बीच अब हरिद्वार में कचरे से बनेगा हरित कोयला, लगेगा प्लांट

टीएचडीसी-यूजेवीएनएल संयुक्त उपक्रम ने हरिद्वार में हरित कोयला प्लांट लशुरुआत की कवायद शुरू की। इसके लिए नगर निगम हरिद्वार के साथ एमओयू साइन हो चुका है।

Green coal will now be produced from waste in Haridwar a plant will be set up at a cost of Rs 140 crore

राज्य में रोजाना निकलने वाले कचरे के निस्तारण की भारी चुनौतियों के बीच अब हरिद्वार में इससे हरित कोयला बनाने का काम शुरू होने वाला है। इसके लिए टीएचडीसी-यूजेवीएनएल का संयुक्त उपक्रम हरिद्वार में 140 करोड़ रुपये की लागत से म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट टू टॉरीफाइड चारकोल (हरित कोयला) प्लांट लगाने जा रहा है। एनटीपीसी ने वाराणसी में हरित कोयला प्लांट लगाया है। इस कांसेप्ट को देखते हुए टीएचडीसी-यूजेवीएनएल संयुक्त उपक्रम ने हरिद्वार में इसकी शुरुआत की कवायद शुरू की। इसके लिए नगर निगम हरिद्वार के साथ एमओयू साइन हो चुका है। रोजाना करीब 400 टन कचरे से 140 टन हरित कोयला तैयार होगा।  इस हरित कोयले का इस्तेमाल बिजली बनाने में किया जा सकेगा। उद्योगों को भी बेचा जा सकेगा, जिसे वह ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। राज्य में इस तरह का यह पहला प्लांट होगा, जिससे कूड़े का निस्तारण आसान हो जाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *