रुद्रपुर में सिडकुल की नामी कंपनियों में कैटरिंग सर्विस देने वाली फर्मों पर राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने छापे की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। टीम ने आवास विकास क्षेत्र में दो और फर्मों से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए।
रुद्रपुर में सिडकुल की नामी कंपनियों में कैटरिंग सर्विस देने वाली फर्मों पर राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने छापे की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। टीम ने आवास विकास क्षेत्र में दो और फर्मों से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए। छह फर्मों में छापे के बाद दो करोड़ से अधिक की टैक्स की गड़बड़ी सामने आई है। शुक्रवार को एसआईबी ने आवास विकास क्षेत्र में दो कैटरिंग फर्मों पर छापा मारा। दोनों फर्म 2019-20 से पांच फीसदी जीएसटी जमा कर रही है जबकि फर्मों को 18 फीसदी जीएसटी जमा करनी है। इससे फर्म संचालकाें में खलबली मची रही। एसआईबी की टीम ने डिप्टी कमिश्नर विनय कुमार ओझा की अगुवाई में छह घंटे से अधिक समय तक दोनों फर्म में दस्तावेजों की जांच की। साथ ही कंपनियों में की गई कैटरिंग सप्लाई के बारे में जानकारी ली। बृहस्पतिवार को टीम ने चार फर्म से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए थे। डिप्टी कमिश्नर ओझा ने बताया कि दो दिन में छह फूड सप्लायर फर्म पर सर्वे की जांच पड़ताल की गई है। इन फर्मों ने जीएसटी के शुरुआती समय में 18 फीसदी जीएसटी जमा की थी। लेकिन 2018-19 की छमाही के बाद केवल पांच फीसदी जीएसटी ही जमा कर रहे थे।फर्म संचालकों को नोटिस देकर पांच फीसदी जीएसटी जमा करने के बारे में पूछा जाएगा, साथ ही बकाया 13 फीसदी जीएसटी को मय ब्याज सहित जमा कराया जाएगा। जो कागज फर्मों से लिए गए हैं, उनका मिलान पोर्टल में फर्म की ओर से अपलोड किए गए दस्तावेजों में दर्ज जानकारियों से किया जाएगा।