जिले के टॉप 10 बड़े बकायदारों के नाम सार्वजनिक, लगाया बोर्ड

हरिद्वार। सरकारी महकमों के बड़े कर्जदारों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। काफी समय बाद भी करोड़ों रुपये का बकाया जमा नहीं होने के बाद अब प्रशासन ने जिले के टॉप 10 बड़े बकायदारों के नाम सावर्जनिक कर दिए हैं। बकायेदारों के नाम और बकाया राशि का बोर्ड कलेक्ट्रेट भवन में लगाया गया है। सबसे ज्यादा तीन करोड़ तो सबसे कम 50 लाख के बकायेदार इनमें शामिल हैं। नोटिस देने की कार्रवाई के बाद लगातार वसूली करने के प्रयास चल रहे हैं। जल्द ही इनकी आरसी भी काटी जा सकती है। जिला प्रशासन के मुताबिक, बैंक से लोन लेने के साथ ही खनन और शराब के मामले में जुर्माने के अलावा जमीनों के प्रकरणों में करोड़ों रुपये का बकाया चला आ रहा है। जनपद की अलग-अलग तहसीलवार बकायेदारों से वसूली के लिए कई चरणों की कार्रवाई के बाद अब प्रशासन ने बकाया जमा न करने वाले टॉप 10 के नाम सार्वजनिक करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में बोर्ड पर चस्पा कर दिए हैं। अब इनसे वसूली के लिए अलग-अलग तहसीलों की टीमें भी जुटी हुई हैं।

प्रशासन ने इनके नाम किए हैं सार्वजनिक
जिला प्रशासन के मुताबिक विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) का रुड़की तहसील के ग्राम माधोपुर हजरतपुर निवासी शहजाद अली पर तीन करोड़ 53 हजार 268, भगवानपुर तहसील के सुनेहरा गंगनहर भगवानपुर निवासी बलदेव सिंह पर आबकारी का एक करोड़ 56 लाख, 33 हजार, 883, हरिद्वार तहसील के भोगपुर स्थित शिवालिक स्टोन क्रेशर पर एक करोड़ पांच हजार, भूपतवाला के ललित कुमार पर आबकारी का 87 लाख 92 हजार 199 रुपये, रुड़की तहसील के बढ़ेडी राजपूतान निवासी सलीम खान पर बैंक का 82 लाख, 37 हजार 670, हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित द ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी पर न्यायालय का 76 लाख 63 हजार 260, रुड़की तहसील के ग्राम भौरी निवासी सुधीर कुमार पर बैंक का 71 लाख, 18 हजार 758, भगवानपुर के ग्राम सुनहटी आलापुर निवासी बाबूराम पर बैंक का 65 लाख 37 हजार 610, हरिद्वार तहसील के ग्राम इब्राहिमपुर निवासी अमजद खान पर खनन का 50 लाख 51 हजार का बकाया है।
प्रशासन ने राजस्व का लक्ष्य पूरा करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। अब मार्च तक राजस्व वसूली के लिए पूरा जोर रहेगा। इसके लिए सभी महमकों ने वसूली कर राजस्व जमा कराने के लिए काम शुरू कर दिया है। बड़े बकायदारों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। लगातार बकायेदारों से वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वसूली कर बकाया राजस्व में जमा कराया जा सके।

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