आईएसबीटी परिसर के समीप संस्कृति विभाग का निर्माणाधीन संग्रहालय बजट के अभाव में बीते दस वर्षों से अधूरा है। संग्रहालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से यह आसामाजिक तत्वों का रेन बसेरा बना हुआ है। संस्कृति विभाग अधूरा कार्य को पूरा करने के बजाय बजट का रोना रो रहा है। पर्यटक और धार्मिक स्थल होने के कारण वर्षभर इस क्षेत्र में हजारों तादाद में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव भी ऋषिकेश है। देशी, विदेशी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराने के लिए संस्कृति विभाग की ओर से आईएसबीटी परिसर के समीप करीब 12 करोड़ 23 लाख की लागत से वर्ष 2013-14 में एक संग्रहालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। राजकीय निर्माण निगम को इसमें कार्यदायी संस्था बनाया गया है। इस संग्रहालय में करीब पांच गैलरी हैं, इसमें उत्तराखंड के विभिन्न स्मृति चिह्न समेत संस्कृति का संग्रहालय बनाना है। करीब दस वर्ष का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक संग्रहालय का निर्माण कार्य 50 प्रतिशत ही हुआ है। बीते दो, तीन वर्षों से संग्रहालय का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। निर्माण कार्य बंद होने से यह असामाजिक तत्वों का रेन बसेरा बन गया है, साथ ही आधा अधूरा निर्माण कार्य पर्यटन नगरी की सुंदरता को पलीता लगा रहा है। संग्रहालय के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए बजट की कमी चल रही है। विभाग के पास जितना बजट स्वीकृति हुआ था उसका निर्माण कार्य हो चुका है। आगे के निर्माण कार्य के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। शासन स्तर से वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद ही संग्रहालय का निर्माण कार्य पूरा होगा।
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