गौला नदी में 22 सितंबर से बनाई जा रही अस्थायी सड़क से सोमवार को वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। इस बीच सिंचाई विभाग के गौला बैराज से पानी छोड़ने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे वहां से गुजर रहे वाहन चालकों में अफरातफरी मच गई।
गौला नदी में 22 सितंबर से बनाई जा रही अस्थायी सड़क से सोमवार को वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। इस बीच सिंचाई विभाग के गौला बैराज से पानी छोड़ने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे वहां से गुजर रहे वाहन चालकों में अफरातफरी मच गई। वाहन चालक किसी तरह तेज रफ्तार से नदी आर-पार करने लगे। तेज बहाव से कोई जानमाल की हानि नहीं हुई लेकिन आ अस्थायी सड़क के लिए डाली गई मिट्टी और पत्थर बह गए। अगर बहाव बढ़ता तो बड़ा हादसा हो सकता था। भाजपा ने सिंचाई विभाग के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। सोमवार को गौला नदी में बनाई जा रही 1.5 किमी लंबी अस्थायी सड़क से वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। वाहनों की आवाजाही के दौरान गौला बैराज से सिल्ट साफ करने के लिए बैराज के गेट खोलने के कारण अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने से अस्थायी सड़क से आवाजाही कर रहे दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों में अफरातफरी मच गई। अफरातफरी मचने से पूर्व करीब 150 वाहनों सड़क से आवाजाही कर चुके थे। पहाड़ों में बारिश की संभावना से नदी का जलस्तर न बढ़े, इसलिए जिला प्रशासन ने रात के वक्त इस सड़क से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी है। मंगलवार को जलस्तर सामान्य रहने के बाद इसे यातायात के लिए खोला जाएगा। भाजपा नेता मुकेश बेलवाल का कहना है कि सिंचाई विभाग को इस तरह बिना चेतावनी के पानी नहीं छोड़ना चाहिए था। गनीमत रही कि पानी के बहाव से अस्थायी सड़क की मिट्टी और कुछ पत्थर बहे। बाल-बाल हादसा टल गया। उन्होंने पुलिस से सिंचाई विभाग के खिलाफ कर्रवाई करने की मांग की है।