शुरूआत में मरीज इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षणों से जूझ रहा था। उसे तेज बुखार के साथ ही जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। चूंकि मरीज की हालत काफी गंभीर थी, ऐसे में चिकित्सक की ओर से आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी।
दून अस्पताल से इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से पीड़ित पहला मरीज सामने आया है। आरटीपीसीआर जांच के बाद मरीज में एन्फ्लुएंजा-ए वायरस की प्रमाणिक पुष्टि हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक हालत गंभीर होने की वजह से मरीज अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटरी सपोर्ट पर है।जानकारी के मुताबिक शुरूआत में मरीज इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षणों से जूझ रहा था। उसे तेज बुखार के साथ ही जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। चूंकि मरीज की हालत काफी गंभीर थी, ऐसे में चिकित्सक की ओर से आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। रिपोर्ट सामने आने के बाद मरीज में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण की पुष्टि हुई है।
बच्चों और बुजुर्गों में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण का अधिक खतरा
दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि यूं तो इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण की चपेट में किसी भी आयु वर्ग के लोग सामने आ सकते हैं, लेकिन पांच वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका सबसे अधिक खतरा होता है। अस्पताल में भर्ती एन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण से पीड़ित मरीज की उम्र 17 वर्ष है।