दो पार्किंग वह भी यूपी सिंचाई विभाग की जमीन पर, अपनी एक भी नहीं

हरिद्वार में गंगा और हाईवे के बीच दो पार्किंग का संचालन किया जा रहा है। अनुबंध के आधार पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की इस भूमि को कांवड़ यात्रा, कुंभ और स्नान पर्व के लिए उपयोग में लेने की शर्त रखी गई है। बावजूद इसके इसी क्षेत्र में वेंडिंग जोन विकसित किया गया, इसी जमीन में पार्किंग विकसित कर दी गई। लापरवाही यह है कि यह सब करते हुए वर्ष 1996 में हुए हादसे की भी अनदेखी की गई, जिसमें एकल आयोग की जांच समिति ने गंगा पार घाटों के किनारे समूचे क्षेत्र को खाली रखने की सिफारिश की थी।  वर्तमान में हालत यह है कि छोटे स्नान पर्व और सप्ताहंत पर करीब 10 हजार वाहनों का बेड़ा धर्मनगरी में पहुंचता है। जबकि मौजूदा समय में पार्किंग की कुल क्षमता दो हजार वाहनों की भी नहीं है। हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद रोड़ीबेलवाला में खाली भूमि पर चल रही पार्किंग को हटा दिया गया। अब वहां एचआरडीए अवस्थापना विकास मद से सौंदर्यीकरण और अन्य कार्य कर रहा है। रोड़ीबेलवाला पार्किंग का संचालन ठप होने के बाद से यात्री जहां-तहां वाहन खड़े करते हैं। जिससे शहर से लेकर हाईवे तक पर जाम की स्थिति बनती है। शासन या नगर निकाय स्तर से भी स्थायी तौर पर पार्किंग की व्यवस्था को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। ऐसे में सामान्य स्नान पर्व या सप्ताहंत पर भी शहर जाम की चपेट में रहता है। बीते कुछ स्नान पर्व पर पुलिस ने भी दावे किए और पूरा रोड मैप तैयार कर डायवर्जन तक किया गया, लेकिन जाम से मुक्ति दिलाने में नाकामयाबी हाथ लगी।

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