धामी सरकार का एक और बड़ा फैसला…इन सवाल-जवाब के साथ समझिए क्या है भू-कानून

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार भू-कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है। हम अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने जा रहे हैं।

प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी।

सवाल: उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति कितनी जमीन खरीद सकता है।
जवाब :
 उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत राज्य से बाहर का व्यक्ति बिना अनुमति के उत्तराखंड में 250 वर्गमीटर जमीन खरीद सकता है। लेकिन राज्य का स्थायी निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई सीमा नहीं है।

सवाल : क्या उत्तराखंड वासियों पर भी यह कानून लागू है?
जवाब : वर्तमान में लागू भू-कानून उत्तराखंड वासियों पर लागू नहीं है। यह कानून केवल बाहरी राज्यों के लोगाें पर लागू है। उत्तराखंड के स्थायी निवासी कितनी भी जमीन खरीद सकते हैं।

सवाल : बाहरी व्यक्ति राज्य में परिवार के सदस्यों के नाम से अलग-अलग जमीन खरीद सकता है?

जवाब: वर्तमान में लागू भू-कानून के तहत एक व्यक्ति को 250 वर्गमीटर जमीन ही खरीद सकता है। लेकिन व्यक्ति के अपने नाम से 250 वर्गमीटर जमीन खरीदने के बाद पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो ऐसे लोगों को मुश्किल आ सकती है। तय सीमा से ज्यादा खरीदी गई जमीन को सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगी।सवाल: सख्त भू-कानून से उद्योगों को भी जमीन की दिक्कत आएगी?

जवाब: राज्य के विकास और रोजगार के लिए उद्योगों लगाने के लिए निवेशकों को जमीन की कोई दिक्कत नहीं आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि निवेशक करने वाले लोगों को जमीन के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

सवाल:सख्त भू-कानून से जमीनों खरीद फरोख्त और दुरुपयोग रुकेगा?

जवाब: यदि किसी व्यक्ति ने उद्योग लगाने के नाम पर जमीन ली। उस जमीन का उपयोग दूसरे प्रयोजन के लिए किया है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन को सरकार में निहित की जाएगी।
सवाल: भू-कानून के तहत जमीन खरीद के प्रावधान राज्य के किस क्षेत्र में लागू होते हैं?

जवाब: आवास के लिए 250 वर्गमीटर जमीन का प्रावधान है, निकाय क्षेत्रों को छोड़कर पूरे प्रदेश में लागू हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *