उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के मतदान सम्पन्न होने के बाद अब नगर निकाय चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। राज्य सरकार ने भी समय पर निकाय चुनाव कराने की बात की है। नैनीताल हाईकोर्ट में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।
चुनाव समय के भीतर हो जाएंगे। पूर्व में निर्धारित समयावधि छह माह के भीतर नगर निकाय की चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। महाधिवक्ता की ओर से दिए गए इस वक्तव्य के बाद मुख्य न्यायाधीश रितू बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल दिसंबर में ही पूरा हो चुका है। निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद दो दिसंबर से प्रशासक नियुक्त हो चुके हैं। जो कि आगामी छह माह यानी दो जून तक रहेंगे। जिलाधिकारियों के स्तर से भी नगर निकायों की जिम्मेदारियां देखी जा रही हैं। सरकार ने हाईकोर्ट में भी छह माह के भीतर निकाय चुनाव कराने का वादा किया है। दो दिसंबर से दो जून तक छह माह की समयावधि पूरी हो रही है।
ऐसे में साफ है कि मई में नगर निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। उत्तराखंड के 97 निकायों में चुनाव होने हैं। राज्य में वर्तमान में नगर निकायों की संख्या बढ़कर 110 हो गई है। इनमें सात निकाय कुछ समय पहले ही अधिसूचित हुए हैं। ऐसे में अन्य निकायों के साथ इनके चुनाव कराना संभव नहीं है।