पर्याप्त भूमि न मिलने से ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे परियोजना अधर में लटक गई है। परियोजना निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी जारी नहीं हो पा रही है। अभी तक परियोजना के लिए मात्र 15 फीसदी भूमि ही मिल पाई है। अब परियोजना में स्टेशन भी मात्र दो कर दिए गए हैं। वर्ष 2020 में सरकार ने ऋषिकेश से नीलकंठ के लिए रोपवे योजना बनाई थी। अगस्त 2022 में वित्त विभाग ने ऋषिकेश और नीलकंठ महादेव मंदिर के बीच रोपवे निर्माण के लिए मंजूरी दी थी। कार्यदायी संस्था उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को बनाया गया था। शुरु में रोपवे परियोजना की लंबाई करीब साढ़े छह किमी थी। रोपवे के लिए आईएसबीटी, त्रिवेणीघाट, नीलकंठ व पार्वती मंदिर में स्टेशन बनाए जाने थे। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 465 करोड़ थी। रोपवे से ऋषिकेश से नीलकंठ पहुंचने में 20 से 22 मिनट का समय लगना था। परियोजना अत्यधिक बड़ी होने और पर्याप्त भूमि न मिलने से बाद इसमें बदलाव किया गया। अब परियोजना त्रिवेणी घाट से नीलकंठ तक ही होगी। स्टेशन भी मात्र दो ही होंगे। लेकिन अभी भी परियोजना के लिए मात्र करीब 15 फीसदी भूमि ही उपलब्ध हो पाई है। जिससे परियोजना निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। पूर्व में निर्माण कार्य शुरू किए जाने की संभावित तिथि एक अगस्त 2023 व पूर्ण किए जाने की तिथि 31 जुलाई 2025 रखी गई है। लेकिन पर्याप्त भूमि न मिलने के कारण यह परियोजना अधर में लटकी हुई है।
परियोजना निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि नहीं मिल पाई है। भूमि मिलते ही टेंडर प्रक्रिया आदि औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएंगी।