रुद्रपुर। नजूल भूमि पर काबिज 2600 गरीबों को निशुल्क मालिकाना हक मिलने के बाद जमीन की रजिस्ट्री कराने में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी होगी। यह शुल्क 70 हजार से 90 हजार रुपये तक आ रहे हैं। कई लाभार्थियों ने सीएम से रजिस्ट्री शुल्क माफ करने की मांग की है। जिला प्रशासन की ओर से रजिस्ट्री शुल्क माफ करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। गरीब परिवारों को जमीन पर मालिकाना हक तो मिल गया अब समस्या जमीन की रजिस्ट्री को लेकर आ रहे खर्च की है। जमीन की रजिस्ट्री कराने में पांच फीसदी स्टांप ड्यूटी और दो फीसदी निबंधन शुल्क देना होता है। अधिकतम 90 हजार रुपये तक शुल्क जमा कर रजिस्ट्री हो सकेगी।
रजिस्ट्री शुल्क माफ करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और शासन को इस पर निर्णय लेना है लेकिन लोग स्वतंत्र है कि वे शुल्क जमा कर जमीन की रजिस्ट्री करा लें या फिर शासन के निर्णय का इंतजार कर लें।