लखनऊ। एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट में एक राजस्व अभिलेखपाल को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोच लिया। गिरफ्तारी के वक्त आरोपी और टीम के बीच कहासुनी हुई। फिर टीम जबरन उसे उठा ले गई। कैसरबाग थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। गोमतीनगर निवासी राम किशुन यूपी पुलिस से सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर नुरुल हुदा के मुताबिक राम किशुन का जमीन संबंधी एक प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। उसी से संंबंधित दस्तावेज (खतौनी आदि) की उन्हें जरूरत थी। करीब एक महीने से राम किशुन राजस्व अभिलेखपाल अयोध्या प्रसाद के पास चक्कर लगा रहे थे। मगर वह दस्तावेज देने के बजाय टालमटोल कर रहा था। करीब एक सप्ताह पहले उसने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। राम किशुन ने इसकी जानकारी एंटी करप्शन की टीम को दी। टीम ने जाल बिछाया। जिसके बाद मंगलवार दोपहर दो बजे राम किशुन उसके पास पहुंचे। जैसे ही उन्होंने रिश्वत दी वैसे ही टीम ने अयोध्या प्रसाद को दबोच लिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
डीएम समेत प्रशासन के तमाम उच्चाधिकारी कलेक्ट्रेट में ही बैठते हैं। मगर आरोपी अयोध्या प्रसाद को किसी का खौफ नहीं था। वह बेखौफ होकर रिश्वतखोरी करता था। हैरानी ये है कि विभागीय अफसर अब तक उसे पकड़ नहीं पाए थे। एंटी करप्शन की टीम ने कलेक्ट्रेट के भीतर ही रिश्वतखोरी का खेल उजागर कर दिया।