प्रयागराज कुंभ मेले के लिए रवाना हुए निरंजनी अखाड़े के संत

तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संत शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ के लिए रवाना हुए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने गंगा मैया के जयकार के साथ संतों को रेलवे स्टेशन पहुंचाया। गाजे बाजे के साथ निकली जमात ट्रेन से प्रयागराज के लिए रवाना हुई। निरंजनी अखाड़े से ढोल नगाड़ों के साथ शोभायात्रा में शामिल संत प्रयागराज रवाना होने से पूर्व मां गंगा और अखाड़े के ईष्टदेव भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना किए। उन्होंने प्रयागराज कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की कामना की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समुद्र मंथन में निकले अमृत कलश से पृथ्वी पर चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में अमृत की बूंदे गिरी थीं। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से कुंभ मेले का आयोजन होता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला अखाड़ों का सबसे बड़ा पर्व है। सभी तेरह अखाड़े महाकुंभ में शामिल होते हैं। महाकुंभ में लगने वाले अखाड़ों के शिविरों से प्रसारित होने वाले संत महापुरुषों के उपदेशों से पूरी दुनिया को मार्गदर्शन मिलता है। सनातन धर्म संस्कृति का पूरे विश्व में प्रसार होता है। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने बताया कि 30 दिसंबर को प्रयागराज में संत महापुरुषों के सानिध्य में अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी। 4 जनवरी 2025 को शोभायात्रा नगर भम्रण के लिए निकलेगी और छावनी प्रवेश होगा। इस अवसर पर श्रीमहंत नरेश गिरी, श्रीमहंत शिव वन, स्वामी रविपुरी, स्वामी राजगिरी, स्वामी आलोक गिरी, दिगंबर नीलकंठ गिरी, दिगंबर राकेश गिरी, दिगंबर राधेश्याम पुरी, दिगंबर राजेंद्र भारती, दिगंबर रामसेवक सहित हजारों की संख्या में अखाड़े के संत रवाना हुए।

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