प्रशासन की ओर से धर्म संसद की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा कि वह 21 दिसंबर को जूना अखाड़े से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल मार्च करेंगे।
प्रशासन ने हरिद्वार में धर्म संसद की अनुमति नहीं दी। यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद बुलाने का एलान किया था। प्रशासन के रुख पर नरसिंहानंद ने नाराजगी जताई। दिसंबर 2021 में यहां हुई धर्म संसद विवादित रही थी। जूना अखाड़े में धर्म संसद की अनुमति न देने पर स्वामी यति नरसिंहा नंद ने कहा कि अगर उन्होंने कुछ गलत कहा हो तो वह फांसी लेने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन उन्हें प्रशासन की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनकी धर्म संसद को नहीं होने दिया जा रहा है। कहा अगर बांग्लादेश में हिन्दू मरता है तो क्या उस पर रोने का अधिकार नहीं है? कहा कि वह इन सब बातों को लेकर 21 दिसंबर को जूना अखाड़े से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल मार्च करेंगे। सुप्रीम कोर्ट से पूछेंगे कि क्या उन्हें हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर बोलने का अधिकार नहीं है। उधर एसडीएम सदर अजयवीर सिंह ने कहा कि प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई थी, बावजूद इसके धर्म संसद करने का प्रयास किया जा रहा था। हालांकि, एक दिन पहले पुलिस प्रशासन की स्वामी से वार्ता चल रही थी। जिसमें बताया जा रहा था कि उन्हें सशर्त अनुमति दे दी जा सकती है, लेकिन अंतिम समय में अनुमति नहीं दी गई। अनुमति पत्र को निरस्त कर दिया गया। फिर भी धर्म संसद के लिए टेंट तंबू लगाए गए। कार्यक्रम स्थल पर तैयारियां शुरू कर दी गई थीं उनके लोग भी वहां पहुंचने शुरू हो गए थे।