हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 13 राजकीय मार्गों पर निजी बसों को परमिट जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 13 राजकीय मार्गों पर निजी बसों को परमिट जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले के अनुसार उत्तरांचल रोड़वेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने राजकीय मार्गों पर निजी वाहन कंपनियों को परमिट जानी करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के लिए निर्धारित 13 मार्गों को निजी वाहनों के लिए खोल दिया है। सरकार का यह निर्णय गलत है। इससे रोड़वेज की आमदनी प्रभावित होगी और पूरे रोड़वेज पर असर पड़ेगा। सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका पोषणीय नहीं है। क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। सरकार के इस निर्णय को अपीलीय प्राधिकरण में चुनौती देनी चाहिए। जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि आपत्ति दर्ज करवाई गई थी पर उसे दरकिनार कर दिया गया। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में जारी परमिट पर अस्थाई रोक लगाते हुए सरकार से जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।