बिना पंजीकरण संचालित हो रही थी कंपनी, 46 लाख जुर्माने की संस्तुति

बिना पंजीकरण के संचालित शूज कवर कंपनी पर श्रम प्रवर्तन विभाग ने 46 लाख रुपये जुर्माना लगाए जाने की संस्तुति उच्चाधिकारियों से की है। कंपनी में कार्य कर रहे मजदूरों ने चार माह पूर्व न्यूनतम वेतन न देने सहित कई अन्य शिकायतें श्रम प्रवर्तन विभाग से की थी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कंपनी कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर पाई है। कंपनी के खिलाफ श्रम प्रवर्तन कानूनों के तहत न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा। नेपालीफार्म स्थित शूज कवर बनाने वाली एक फैक्टरी में काम करने वाले 40 श्रमिकों ने बीते वर्ष अक्तूबर माह में श्रम प्रवर्तन विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। मजदूरों का आरोप था कि कंपनी प्रबंधन उन्हें श्रम कानूनों के तहत न्यूनतम वेतन नहीं दे रहा है। साथ ही कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। ओवर टाइम का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।श्रम प्रवर्तन अधिकारी पिंकी टम्टा ने बताया कि मजदूरों की शिकायत पर कंपनी प्रबंधन को नोटिस भेजे गए लेकिन कंपनी प्रबंधन ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही कार्यालय में उपस्थित हुए। टम्टा ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि कंपनी का श्रम प्रवर्तन विभाग में पंजीकरण ही नहीं है।जिन मजदूरों से काम लिया जा रहा है उन्हें कोई नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया गया है। कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को नकद वेतन देने की बात कही है लेकिन इसके कोई प्रमाण नहीं मिले। टम्टा ने बताया कि उपस्थिति पंजिका व मजदूरों के बयानों के आधार पर कंपनी पर 46 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने की संस्तुति उच्चाधिकारियों से की गई है। साथ ही कंपनी के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर भी किया जाएगा।

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