भारत-नेपाल बॉर्डर के पास खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों की सक्रियता के बावजूद वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर पोल्ट्री फार्म बना दिया गया। प्रशासन की टीम ने बृहस्पतिवार देर शाम से शुक्रवार दोपहर तक अभियान चलाकर अतिक्रमण को ध्वस्त किया।
भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों की सक्रियता के बावजूद वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर पोल्ट्री फार्म बना दिया गया। वन विभाग, पुलिस, एसएसबी और प्रशासन की टीम ने बृहस्पतिवार देर शाम से शुक्रवार दोपहर तक अभियान चलाकर अतिक्रमण को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रह रहे अन्य अतिक्रमणकारियों में भी हड़कंप मचा है। मेलाघाट, वन महोलिया क्षेत्र के पास नोमैंस लैंड और दो देशों की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा होने के बावजूद अतिक्रमणकारियों के मंसूबे बुलंद हैं। कुछ माह पूर्व झनकईया थाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अतिक्रमण करने पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। फिर भी खटीमा रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले वन महोलिया क्षेत्र में एक अतिक्रमणकारी ने वन विभाग की भूमि पर पोल्ट्री फार्म बना दिया। बृहस्पतिवार देर शाम अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी के निर्देश पर प्रशिक्षु आईएफएस राहुल मिश्रा और एसडीओ संचिता वर्मा ने पुलिस, प्रशासन और एसएसबी की टीम के साथ सघन अभियान चलाया। दक्षिणी बनबसा कंपाट 7 मेलाघाट में पोल्ट्री फार्म को ध्वस्त करने के लिए शुक्रवार दोपहर तक कार्रवाई जारी रही।