मानसून की तैयारी…मौसम, हिमस्खलन, बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए लगेंगे आठ डॉप्लर रडार और 195 सेंसर

प्रदेश में वर्तमान में 441 सेंसर व तीन डॉप्लर रडार पूर्वानुमान बताते हैं। अब 195 सेंसर व आठ डॉप्लर रडार लगाने की योजना है। जेसीबी, एंबुलेंस जीपीएस से लैस होंगी।

Monsoon 2024 preparations Eight Doppler radars 195 sensors installed for weather avalanche,flood forecasting

आगामी मानसून सीजन की तैयारी शुरू हो गई है। मौसम, हिमस्खलन, बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए आठ डॉप्लर रडार, 195 सेंसर लगाए जा रहे हैं। सभी जेसीबी व एंबुलेंस को जीपीएस से लैस किया जा रहा है। प्रदेश के छह बांध-बैराज में बाढ़ की चेतावनी की व्यवस्था की गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून की तैयारी के लिए बैठक ली थी। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करने को कहा था। प्रदेश में वर्तमान में 441 सेंसर व तीन डॉप्लर रडार पूर्वानुमान बताते हैं। अब 195 सेंसर व आठ डॉप्लर रडार लगाने की योजना है।  नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट (एनएचपी) के सात, डिफेंस जियोइंफोर्मेटिक्स रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट (डीजीआरई) के 74 और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के 136 सेंसर लगेंगे।यूएसडीएमए आठ डॉप्लर रडार लगाने की योजना पर भी काम कर रहा है। इससे खराब मौसम, बाढ़, हिमस्खलन की पहले से जानकारी मिल जाएगी, जिससे न्यूनतम जनहानि होगी। इसी प्रकार प्रदेश में 19 बांध और 18 बैराज हैं। इनमें से छह में बाढ़ चेतावनी की व्यवस्था की गई है।

जेसीबी को ट्रैक करने के लिए जीपीएस से लैस किया जा रहा
वहीं, मानसून सीजन में आपदा बचाव में लगने वाले एंबुलेंस, जेसीबी को ट्रैक करने के लिए इस बार जीपीएस से लैस किया जा रहा है। लोनिवि सभी जेसीबी में जीपीएस लगाएगा, जबकि स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस में लगाएगा। इसकी जानकारी परिवहन विभाग से साझा करेगा ताकि उसी हिसाब से ट्रैकिंग हो सके।

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