विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का समापन, पहली बार पहुंचे 10 हजार से अधिक प्रतिनिधि, कई उपलब्धियां जुड़ीं

12 से 15 दिसंबर तक चले विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में 600 तकनीकी सत्र हुए। इसमें 250 से अधिक एक्सपो स्टाल लगाए गए थे।World Ayurveda Congress and Arogya Expo In Dehradun concludes Today

देहरादून में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का आज समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में राज्यपाल गुरमीत सिंह शामिल हुए। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में कई उपलब्धियां जुड़ी हैं। आयोजन समिति के अनुसार, इसमें 10,321 प्रतिनिधि पहुंचे हैं। यह पहली बार हुआ है कि आयुर्वेद कांग्रेस में 10 हजार से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इससे पूर्व गोवा में हुए इसी कार्यक्रम में 5,102 प्रतिनिधि पहुंचे थे। चार दिन के कार्यक्रम डेढ़ लाख लोगों ने शिरकत की है। इसके अलावा पहली बार एनआईसीएसएम के सहयोग से पहली बार 451 प्रैक्टिशनर इस आयुर्वेद सम्मेलन में पहुंचे। इस विश्व आयुर्वेद कांग्रेेस में 172 तकनीकी सत्र हुए और 54 देशों से 352 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए। एक्सपो में 220 कंपनियां पहुंची हैं। यहां पर चार हजार लोगों ने आयुष क्लीनिक में जांच कराई। आयुष विभाग के अपर सचिव डॉ. विजय जोगदंडे ने बताया, कार्यक्रम में आयुष पर गहन चर्चा के साथ नई संभावनाओं पर बात हुई है। उधर, आयोजन समिति से जुड़े अनूप ठक्कर ने बताया, पहली बार राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ ने देश के बाहर यूरोप आयुर्वेद अकादमी एसोसिएशन को मान्यता दी है। इससे वे आयुर्वेद में प्रैक्टिस कर सकेंगे।

राष्ट्रीय आयोजन कमेटी के महासचिव अनूप ठक्कर ने बताया कि नेपाल ने वेटनेरी आयुर्वेद की डिमांड की है। आयोजकों के अनुसार, देश में यह प्रैक्टिस हो रही है, पहली बार किसी विदेशी देश ने रुचि दिखाई है। इसके लिए नेपाल को जानकारी देने के साथ हर संभव सहायता दी जाएगी।

विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 के सफल आयोजन के लिए देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों का आभारी हूं। आयुष भूमि उत्तराखंड में महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। आयुष के विकास और इससे आम जन को लाभ पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

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