10 माह के बाद भी नहीं बन पाया शहीद स्मृति द्वार

विकासखंड के लक्ष्मण झूला-खेड़ा मोटर मार्ग पर 10 माह बाद भी शहीद स्मारक गेट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। निर्माण कार्य के नाम पर मार्ग के दोनों ओर रस्सियों से बांध कर सरिया खड़ी की गई हैं। परिजनों व स्थानीय निवासियों ने इसे शहीद का अपमान बताया है। ग्राम दुबड़ा निवासी उमेद सिंह 1985 में सेना में भर्ती हुए थे। श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान वह शहीद हो गए थे। इनकी स्मृति में खेड़ा मल्ला गांव के समीप लक्ष्मणझूला-खेड़ा मोटर मार्ग पर स्मृति द्वार का निर्माण किया गया था। लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण होने के कुछ माह बाद 6 मई 2023 को यह स्मृति द्वार भरभरा कर गिर गया था। स्थानीय निवासियों ने स्मृति द्वार निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग का आरोप लगाया था। जिस पर प्रशासन ने संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इसी वर्ष जनवरी माह में विकासखंड प्रशासन ने एक बार फिर इस स्मृति द्वार के निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन 10 माह बाद निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ मार्ग के दोनों ओर रस्सियों के सहारे कुछ सरिया खड़ी की गई हैं। सरिया पर भी जंक लग गया है। वहीं रस्सियां टूट चुकी हैं। शहीद उमेद सिंह के भाई विजय सिंह रावत ने कहा कि स्मृति द्वार निर्माण के प्रति लापरवाही शहीद का अपमान है। इससे क्षेत्र के लोग व परिजन आहत हैं। क्षेत्र के पूर्व सैनिकों में भी आक्रोश पनप रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि विकासखंड के अधिकारी हर रोज इस मार्ग से गुजरते हैं। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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