अल्मोड़ा। देघाट क्षेत्र के गुमटी ग्रामीण बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक पर 10 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है। शाखा प्रबंधक की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि शाखा प्रबंधक रहते हुए आरोपी ने स्वयं सहायता समूहों के खाते से अपने और परिजनों के खातों में पैसा हस्तांतरित कर लाखों की हेराफेरी की। गुमटी ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रुड़की, हरिद्वार निवासी अनमोल कश्यप ने देघाट थाने में पूर्व शाखा प्रबंधक भुवन चंद्र के खिलाफ तहरीर दी। उनके मुताबिक शाखा प्रबंधक रहते हुए भुवन ने खाता धारकों की सहमति के बगैर अपने और परिजनों के खातों में धनराशि हस्तांतरित कर दी। उन्होंने एनआरएल के तहत पांच स्वयं सहायता समूहों के ऋण खातों से अपना उधार चुकाने के लिए अपने पुत्र के साथ अन्य करीबी लोगों के खातों में 10.5 लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए। संबंधित स्वयं सहायता समूहों की तरफ से शिकायत मिलने पर जब मामले की जांच की गई तो इस हेराफेरी का पता चला।
समूहों को मालूम नहीं था कि उनके खातों की धनराशि कहां गायब हो गई। पूर्व शाखा प्रबंधक की पत्नी के खातों की जांच की गई तो उसमें भी बीते एक साल के भीतर 24 लाख रुपये जमा हुए। हेराफेरी का पता चलते ही वर्तमान शाखा प्रबंधक ने पूर्व प्रबंधक के खिलाफ थाने में तहरीर दी। सीओ विमल प्रसाद ने कहा कि आरोपी पूर्व शाखा प्रबंधक के खिलाफ आवश्यक धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।