34 वर्ष बाद भी नहीं बना त्याडों-ताल के संगम पर मोटर पुल

यमकेश्वर ब्लॉक अंतर्गत जुलेड़ी-धारकोट मोटर मार्ग पर बिंध्यवासिनी में त्याडो और ताल नदी के संगम पर मोटर पुल का निर्माण नहीं हुआ है। फरवरी 1986 में तत्कालीन लोकसभा सांसद चंद्रमोहन सिंह नेगी ने लोनिवि पौड़ी गढ़वाल के अधीक्षण अभियंता को दोनों नदियों के संगम में पुल निर्माण के लिए पत्र भेजा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तत्कालीन लोकसभा सांसद चंद्रमोहन सिहं नेगी के पत्र का संज्ञान लेते हुए जुलेड़ी-धारकोट सड़क निर्माण की घोषणा की थी। घोषणा के बाद लोक निर्माण विभाग दुगड्डा की ओर से जुलेड़ी-धारकोट तक करीब 28 किमी मोटर मार्ग का निर्माण होना था। इस घोषणा में त्याडों-ताल नदी का संगम स्थल बिंध्यवासिनी के समीप पुल का निर्माण भी प्रस्तावित था। लोनिवि दुगड्डा की ओर से सड़क का निर्माण कार्य किया गया। सरकार बदलने के साथ ही सड़क का निर्माण कार्य केवल जुलेड़ी-त्याडों करीब 14 किमी तक ही हुआ है। 14 किमी सड़क का निर्माण अभी भी शेष है। इस सड़क का निर्माण होने से कंटरा, ताल, बांदनी समेत करीब 35 गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिलना था। कांग्रेस के यमकेश्वर विधानसभा प्रभारी बैशाख सिंह पयाल ने बताया कि पहले ग्रामीण इसी मार्ग का इस्तेमाल करते थे। पुल का निर्माण नहीं होने से बरसात के समय करीब तीन दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्य बाजार से कट जाता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कंटरा-ताल में लोहे का पुल बनाने की भी घोषणा की थी। ग्रामीण अब अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

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