माफिया ने नगर निगम से लेकर राजस्व और वन विभाग तक की जमीनों को महज 50 रुपये से 100 रुपये के स्टांप पर बेच दिया और वहां अब आबादी बस गई। माफिया के इस पूरे खेल को सरकारी मशीनरी मूकदर्शक बनकर देखती रही। हल्द्वानी में सरकारी जमीनों का काला कारोबार किस तरह फल-फूल रहा है। इसका अंदाजा आम आदमी को शायद ही हो। माफिया ने नगर निगम से लेकर राजस्व और वन विभाग तक की जमीनों को महज 50 रुपये से 100 रुपये के स्टांप पर बेच दिया और वहां अब आबादी बस गई। माफिया के इस पूरे खेल को सरकारी मशीनरी मूकदर्शक बनकर देखती रही। इसी का नतीजा रहा कि आज से ठीक 18 दिन पहले हल्द्वानी के बनभूलपुरा में उपद्रव का तांडव हुआ। पड़ताल में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि बनभूलपुरा के मलिक के बगीचे वाली जमीन महज 50 रुपये के स्टांप पर 14.30 लाख में बेच दी गई है। यह स्टांप मात्र एक बानगी है।
यहां भी चल रहा स्टांप पर जमीन बेचने का खेल
हल्द्वानी में दमुवाढूंगा क्षेत्र में वन भूमि स्टांप पर बेची जा रही है। हद तो यह है कि नाले तक की जमीन को लोगों ने बेच दिया है। तीन महीने पहले सिटी मजिस्ट्रेट ने दमुवाढूंगा क्षेत्र में नाले पर कब्जा कर बनाई गई घरों की बुनियाद तोड़ी थी। उस दौरान एक सत्ताधारी नेता के कहने पर सिटी मजिस्ट्रेट को यह कार्रवाई रोकनी पड़ी थी। उधर बागजाला, बिन्दुखत्ता, गौलापार सूखी नदी की ओर भी वन भूमि स्टांप पर बेची जा रही है।