व्यावसायिक भवन के नक्शे पर फर्जी स्वीकृति दर्शाने के बाद दो आर्किटेक्ट पर मुकदमा, इमारत सील

दोनों ने उनके कॉमर्शियल भवन का नक्शा बनाया और इस पर फर्जी तरीके से एमडीडीए की स्वीकृति दर्शा दी। जब मामला सामने आया तो एमडीडीए ने भवन सील कर दिया। अब पीड़ित की शिकायत पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

Dehradun: Case filed against two architects after fake approval was shown on the map of a commercial building

शहर के दो आर्किटेक्टों ने एक बिल्डर के साथ धोखाधड़ी की। दोनों ने उनके कॉमर्शियल भवन का नक्शा बनाया और इस पर फर्जी तरीके से एमडीडीए की स्वीकृति दर्शा दी। बिल्डर से उन्होंने निर्माण पूरा कराने की डील भी की थी। बिल्डर एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका था लेकिन जब मामला सामने आया तो एमडीडीए ने भवन सील कर दिया। अब पीड़ित की शिकायत पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी दलवीर सिंह सोढ़ी निवासी बल्लीवाला चौक के साथ हुई है। एसओ वसंत विहार महादेव उनियाल ने बताया कि उन्होंने अपने प्लॉट पर व्यावसायिक निर्माण कराना था। इसके लिए वह चकराता रोड स्थित आर्किटेक्ट रोहित लोबियल और मोहित पंचल के दफ्तर गए। दोनों ने खुद को एमडीडीए में पंजीकृत बताया। झांसा दिया कि वह प्लाट पर कॉमर्शियल निर्माण का मानचित्र पास कराने के साथ ही निर्माण का काम करवा देंगे। मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए पीड़ित से 15 लाख रुपये लिए। आरोप है कि इसके बाद एमडीडीए से स्वीकृति की मुहर लगे मानचित्र की प्रति दी।  इसके बाद रोहित और मोहित ने मौके पर निर्माण भी शुरू कर दिया। पीड़ित ने निर्माण कार्य में एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए। निर्माण काम भी 85 फीसदी पूरा हो गया। इस दौरान पीड़ित को बीते 29 अगस्त को एमडीडीए कार्यालय बुलाया गया। पीड़ित एमडीडीए कार्यालय गए तो पता लगा कि आरोपियों ने जो मानचित्र उन्हें दिया था, फर्जी बनाया गया था। उन्होंने एमडीडीए में कोई आवेदन नहीं किया। इस पर निर्माण सील हो गया। आरोप है कि इसके बाद एमडीडीए में फाइन जमाकर मानचित्र स्वीकृति का झांसा दिया। इसके भुगतान की फर्जी रसीद फिर से पीड़ित को भेज दी।

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