तपोवन स्थित प्राचीन शेषावतार श्री लक्ष्मण मंदिर परिसर में संत सम्मेलन आयोजित हुआ। नगर क्षेत्र के महामंडलेश्वर, संत और महंतों ने प्रभु श्रीराम की लीलाओं का गुणगान किया।
बृहस्पतिवार को महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास, महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरदास महाराज, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य ने सम्मेलन का आयोजन किया। महामंडलेश्वर ईश्वरदास ने कहा कि उत्तराखंड श्रीराम की तपस्थली है। त्रेता युग में भगवान राम ने जब लंकापति रावण का वध किया था तो उसके बाद उनके कुल को ब्रह्म हत्या का पाप चढ़ा था। ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ योगनगरी आए थे। लक्ष्मण ने तपोवन में कई वर्षों तक तपस्या की थी। इसलिए इस स्थान का नाम लक्ष्मण मंदिर पड़ा।महामंडलेश्वर दयाराम दास ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड भगवान राम के कुल की उद्धारक भी है। संतों ने मतदाताओं से 19 अप्रैल को लोकतंत्र के महापर्व में बढ़चढ़कर मतदान करने की अपील की। कहा आपका एक वोट देश की सरकार का चुनाव करेगा। संतों की ओर से लक्ष्मण मंदिर के महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर महंत विनय सारस्वत, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज द्विवेदी, शिवस्वरूप नौटियाल, महंत अखंडानंद महाराज, भानुमित्र शर्मा, रमाबल्लभ भट्ट, केशव स्वरूप, सखी, हिमांशु कंडवाल, आशीष शर्मा, दिनेश, मनीष, सुशीला सेमवाल, सुमित गौड़, अभिषेक शर्मा आदि शामिल रहे।