श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर आज मंदिर के गर्भग्रह में 11 मटकिया लगाई गई हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा, शिप्रा समेत अन्य नदियों का जल इन मटकियों में भरा गया है।जिससे भगवान के शीश पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जा रही है।
गर्मी बढ़ते ही उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पंडे पुजारियों ने भगवान महाकाल को ठंडक के लिए जतन प्रारंभ कर दिए हैं। परंपरा अनुसार मंदिर में बाबा महाकाल को सहस्त्र जलधारा चढ़ाई जा रही है। प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से राजा महाकाल को गर्मी से निजात के लिए सतत जलधारा के माध्यम से ठंडक दी जाती है। शिवलिंग के ऊपर करीब 11 मटकियां लगाईं गई हैं, जिसके द्वारा सहस्त्रधारा बाबा महाकाल को अर्पित की जा रही है।
गर्मी आते ही जहां एक और लोग घर में ठंडक के लिए कूलर, एसी और अन्य राहत की चीजों का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं, भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पुजारियों द्वारा भी कई प्रकार के जतन किए जा रहे है। उज्जैन के महांकालेश्वर मंदिर में बाबा भोलेनाथ को जल धारा के माध्यम से ठंडक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां बाबा महाकाल को गर्मी से निजात दिलाने के लिए परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपाद से जल धारा प्रारंभ की जाती है।