मां अन्नपूर्णा की साधना करने से धन संपत्ति, संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। डोडीताल को गणेश जन्मभूमि भी कहा जाता है, इसलिए मां अन्नपूर्णा के साथ यहां पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना भी छह माह तक होती है।
अगोड़ा के नाग देवता के आदेश पर देव डोलियां सहित पांडव पश्वा और ग्रामीण डोडीताल के लिए रवाना हुए और देर शाम डोडीताल पहुंच गए। आज सुबह डोडीताल स्थित झील में सभी देव डोलियां, पांडव पश्वा और श्रद्धालु स्नान करेंगे।समुद्रतल से करीब 12,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट आज विधि विधान के साथ सुबह छह बजे खोल दिए । कपाट खोलने की प्रक्रिया के लिए केलशू घाटी के विभिन्न गांव की देव डोलियां बृहस्पतिवार शाम को ही अगोड़ा गांव पहुंच गई थीं।कल दोपहर अगोड़ा के नाग देवता के आदेश पर देव डोलियां सहित पांडव पश्वा और ग्रामीण डोडीताल के लिए रवाना हुए और देर शाम डोडीताल पहुंच गए। आज सुबह डोडीताल स्थित झील में सभी देव डोलियां, पांडव पश्वा और श्रद्धालु स्नान करेंगे।समुद्रतल से करीब 12,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट आज विधि विधान के साथ सुबह छह बजे खोल दिए जाएंगे। कपाट खोलने की प्रक्रिया के लिए केलशू घाटी के विभिन्न गांव की देव डोलियां बृहस्पतिवार शाम को ही अगोड़ा गांव पहुंच गई थीं।शुक्रवार दोपहर अगोड़ा के नाग देवता के आदेश पर देव डोलियां सहित पांडव पश्वा और ग्रामीण डोडीताल के लिए रवाना हुए और देर शाम डोडीताल पहुंच गए। आज सुबह डोडीताल स्थित झील में सभी देव डोलियां, पांडव पश्वा और श्रद्धालु स्नान करेंगे।विशेष पूजा अर्चना के बाद मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर के मुख्य पुरोहित राधेश्याम खंडूड़ी ने बताया, इस अवसर पर डोडीताल में भंडारे का आयोजन किया जाएगा।