गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में एक दिन में करीब पांच हजार श्रद्धालु ठहर सकते हैं। गंगोत्री धाम में जहां होटल और आश्रम दोनों में श्रद्धालु ठहर सकते हैं, वहीं यमुनोत्री धाम में होटल नहीं होने से केवल आश्रम ही उपलब्ध हैं। गंगोत्री धाम में करीब 50-60 छोटे-बड़े होटल हैं। इसके अलावा गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी है। धाम में छह से सात आश्रम हैं, जो श्रद्धालुओं को रुकने की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं।
यमुनोत्री धाम नहीं कोई होटल
होटल में जहां श्रद्धालुओं को एक हजार से लेकर ढाई हजार रुपये तक का कमरा मिल जाता है। वहीं, कई आश्रम श्रद्धालुओं को निशुल्क ठहरने की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, यहां श्रद्धालु सुविधा के बदले में अपनी इच्छानुसार दान दे सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, धाम में एक दिन में करीब तीन से साढ़े तीन हजार तक श्रद्धालु ठहर सकते हैं। उधर, यमुनोत्री धाम में कोई होटल तो नहीं है, लेकिन धाम में कालिंदी आश्रम, यमुना आश्रम, रामानंद, हनुमान मंदिर आश्रम मौजूद हैं। जहां करीब 500 श्रद्धालु रुक सकते हैं। आश्रम में श्रद्धालुओं को 150 से 200 रुपये प्रति श्रद्धालु की दर से हॉल में एक बेड और 400 से 500 रुपये में कमरा मिल जाता है।
जिला पर्यटन अधिकारी केके जोशी ने बताया, यमुनोत्री धाम में होटल नहीं है। गंगोत्री धाम में होटल तो हैं, लेकिन वे सभी वन विभाग या नजूल भूमि पर होने से उनका पर्यटन विभाग में पंजीकरण नहीं है। धाम में एक दिन में कितने श्रद्धालु या पर्यटक ठहर सकते हैं। इसका कोई आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है।