हल्द्वानी। लगातार बढ़ रही बिजली की मांग और लोड की समस्या को दूर करने के लिए ऊर्जा निगम शहर के ग्रामीण क्षेत्र में 33 केवी के तीन नए बिजली घर बनाने जा रहा है। इससे लगभग 70 हजार की आबादी को राहत मिलेगी। विभाग ने जिलाधिकारी की संस्तुति पर प्रस्ताव शासन को भेजा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इन दिनों कमलुवागांजा बिजली घर पर अधिक लोड है। इससे जुड़े उपभोक्ताओं के कनेक्शनों में लोड बढ़ने से बार-बार ट्रिपिंग की समस्या हो रही है। इसे दूर करने के लिए विभाग शहर के ग्रामीण क्षेत्र में तीन नए बिजली घर बनाने जा रहा है। ऊर्जा निगम विद्युत वितरण खंड (ग्रामीण) के अधीन 33 केवी के तीन नए सबस्टेशन बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें विभाग ने आरटीओ रोड रेशमबाग की सरकारी भूमि पर तीन बीघा जमीन का चयन किया है। दूसरे बिजलीघर के लिए जयपुर पाडली में खाली पड़ी राजस्व विभाग की जमीन का चयन किया गया है। तीसरे बिजली घर के लिए डहरिया जज फार्म के पास आईटीआई की खाली पड़ी जमीन को चयनित किया है। सूत्रों के अनुसार तीनों ही स्थानों पर भूमि आवंटन के लिए राजस्व विभाग, रेशम विभाग और आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र को पत्र भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलने पर नए बिजली घर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
Related Posts
नगर निकाय चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के मतदान सम्पन्न होने के बाद अब नगर निकाय चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। राज्य सरकार ने भी समय पर निकाय चुनाव कराने की बात की है। नैनीताल हाईकोर्ट में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन […]
सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने की राह में अफसर ही रोड़ा
सरकारी जमीनों से कब्जा हटवाने की राह में अफसर ही सबसे बड़ा रोड़ा बन रहे हैं। अफसर अवैध कब्जों को हटाने के बजाय पीपी एक्ट में कार्यवाही कर रहे हैं। इससे कब्जा तत्काल नहीं हट पा रहा। सरकारी भवनों से कब्जेदारों का कब्जा हटवाने के लिए पीपी एक्ट का पालन किया जाता है। इसके अंतर्गत […]
15 बीघा सरकारी भूमि को किया कब्जा मुक्त
हरिद्वार। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ग्राम ज्वालापुर के खसरा नंबर 649 में रोह नदी के किनारे सरकारी एवं ग्राम समाज की करीब 15 बीघा भूमि पर हुए कब्जे को हटाया है। भूमि पर कुछ भू माफियाओं ने अवैध तरीके से कब्जा कर पोल खड़े […]