मां दुर्गा को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?

  • शैलपुत्री
  • ब्रह्मचारिणी
  • चन्द्रघण्टा
  • कूष्माण्डा
  • स्कंदमाता
  • कात्यायनी
  • कालरात्रि
  • उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। अर्थ – पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री। ये मां दुर्गा के नौ रुप हैं। हिमालय का एक नाम शैलेंद्र या शैल भी भगवान शिव ने देवी के इसी स्वरूप से कई सिद्धियां प्राप्त की थी. इनकी पूजा नवरात्रि के 9वें दिन की जाती है. इन्हें बैंगनी रंग काफी पसंद है. इस दिन भक्तों को बैंगनी रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
  • ब्रह्मचारिणी मंदिर, वाराणसी माता की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी का प्राचीन मंदिर वाराणसी के बालाजी घाट पर स्थित है। …
  • चंद्रघंटा मंदिर, प्रयागराज …
  • कूष्‍मांडा मंदिर, जिला कानपुर …
  • स्कंदमाता मंदिर, वाराणसी …
  • कात्यायनी मंदिर, एवेर्सा …
  • कालरात्रि मंदिर, वाराणसी …
  • महागौरी मंदिर, लुधियाना …
  • सिद्धिदात्री मंदिर, सतना
  •  माता को दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग लगाना चाहिए। नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां के इस स्वरूप को मालपुआ प्रिय है।
  • अनार उनका प्रिय फल भी माना जाता है। नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा की ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा होती है। मातारानी को को चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। देवी को इस दिन पान-सुपाड़ी भी चढ़ाएं।
  • ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब एक चौकी बिछाकर वहां पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। फिर रोली और अक्षत से टीका करें और फिर वहां माता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद विधि विधान से माता की पूजा करें
  • दुर्गा मां को तुलसी और दुर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए। देवी मां को ये चीजें भेंट करना शुभ नहीं माना जाता है। नवरात्रि की पूजा में देवी मां को मदार, आक और हरसिंगार के फूल न चढ़ाएं। देवी मां को केवल लाल या पीले फूल ही चढ़ाए जाते हैं।
  • मां दुर्गा को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?

    इसमें केतकी और धतूरा का फूल शामिल है. इसके साथ ही तगर और मदार का फूल माता दुर्गा को नहीं अर्पण करना चाहिए. जबकि माता दुर्गा को सूखा हुआ फूल भी नहीं चढ़ाएं. सबसे अहम बात यह है कि माता दुर्गा को दूर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए.

    मां लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय मानी गई है, इसलिए दिवाली के दिन उन्हें खरी को भोग जरूर लगाना चाहिए। इसके अलावा आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दिवाली पूजन के दौरान सिंघाड़ा, अनार, नारियल, पान का पत्ता, हलवा और मखाने का भोग भी लगा सकते हैं। यह भी मां लक्ष्मी जी के प्रिय भोग माने गए हैं

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