अटल जी की पीड़ा से लेखक गांव का जन्म हुआ था। आज से यहां तीन दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव का शुभारंभ हो गया है।
थानो के लेखक गांव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, देवभूमि में लेखक गांव की स्थापना से नए विचार और लेखन को एक बेहतर मंच मिलेगा, जिससे भविष्य में लेखक और साहित्यकार पैदा होंगे। लेखक गांव से उपजे विचार देश-दुनिया को प्रभावित करेंगे। कहा, अटलजी की पीड़ा को डॉॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लेखक गांव के रूप में धरातल पर उतारकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। कहा, लेखन दिल को दिमाग से जोड़ता है। जिसकी धार तलवार से भी तेज होती है। रामायण, गीता और सभी पवित्र ग्रंथ लेखन का ही प्रमाण हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने कहा, लेखक गांव से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी, जिससे लेखन कार्य को बढ़ावा मिलेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य पशु समान है। राज्य के निर्माण में पत्रकारों की लेखनी का अहम योगदान है। उनकी सरकार साहित्यकारों को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार दे रही है। स्वामी अवधेशानंद ने कहा, पुस्तकें जीवन में भ्रम, विकारों और दुखों को दूर करने में सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं। वो पिछले 11 वर्षो से हर रोज एक लेख जरूर लिखते हैं।
लेखक गांव में रखी जाएंगी 10 लाख पुस्तकें
लेखक गांव के संरक्षक डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, लेखक गांव का आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी संग एक करार हुआ है। अभी एक लाख पुस्तकें इस गांव में रखी जा रही हैं। उसके बाद ज्ञान, विज्ञान, धर्म, दर्शन, शोध आदि से संबंधित करीब 10 लाख पुस्तकें लेखक गांव में रखी जाएगी। कहा, नई शिक्षा नीति गेम चेंजर साबित होगी।
40 देशों के लोग कार्यक्रम में होंगे शामिल
निशंक ने दावा किया कि लेखक गांव देश का पहला ऐसा गांव बनेगा। जहां सृजनता, शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में 65 से अधिक देशों के साहित्यकार और लेखक आदि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुडेंगे। वहीं 40 देशों के लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे।