राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने जंगल सफारी के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। पार्क क्षेत्र में पर्यटक 15 नवंबर से जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। पार्क प्रशासन ने जंगल सफारी के सभी रूटों की मरम्मत कर ली है। पार्क क्षेत्र की चार रेंजों में जंगल सफारी संचालित की जाती है। यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। जंगल सफारी पार्क प्रशासन के लिए राजस्व का एक प्रमुख माध्यम भी है। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क एशियाई हाथियों व बाघों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हिमालयी काला भालू, स्लॉथ भालू, धारीदार लकड़बग्घा, गोरल, सांभर, जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण और कई अन्य जानवर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। जंगल सफारी चिल्लावाली रेंज, हरिद्वार रेंज, मोतीचूर रेंज व चीला रेंज में संचालित की जाती है। इससे पार्क प्रशासन को हर वर्ष डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। वहीं करीब 200 से अधिक स्थानीय निवासियों को रोजगार भी मिलता है। पार्क क्षेत्र में कुल 160 जंगल सफारी वाहन हैं।
कितना है किराया
जंगल सफारी के लिए वाहन संचालक को प्रति वाहन 250 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। जबकि प्रतिव्यक्ति किराया 150 रुपये निर्धारित है। विदेशी पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति शुल्क 600 रुपये निर्धारित किया गया है। जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बुकिंग की जा सकती है। जंगल सफारी शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हो गई है। सभी रूटों की मरम्मत कर ली गई है। जंगल सफारी 15 नवंबर से शुरू हो जाएगी। जो 15 मार्च तक चलेगी।