प्रदेश के सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद कॉलेजों का कायाकल्प करने की तैयारी है। उत्तराखंड के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का सकारात्मक रुख रहा।
उत्तराखंड में सौ वर्ष पुराने दो आयुर्वेद कॉलेजों का जल्द ही कायाकल्प होगा। इसमें ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज के उच्चीकरण का मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार को भेजने के लिए उत्तराखंड ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। केंद्र सरकार का रुख इस संबंध में बेहद सकारात्मक है। इसी तरह सौ वर्ष पुराने गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज पर भी सरकार की नजर है। हालांकि, अभी इसका विचार बेहद प्राथमिक स्तर पर है। सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद कॉलेजों के उच्चीकरण की उत्तराखंड सरकार लगातार पैरवी कर रही है। हालांकि, उत्तराखंड ने ऋषिकुल कॉलेज को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने उत्तराखंड से इसके स्थान पर उच्चीकरण का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर ली है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने उच्चीकरण से संबंधित डिटेल प्रोजेक्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। शासन स्तर जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाना है। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. एके त्रिपाठी के अनुसार, केंद्र के सकारात्मक रुख को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ऋषिकुल कॉलेज का उच्चीकरण हो जाएगा। दूसरी तरफ, केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का कहना है कि उत्तराखंड के प्रस्ताव पर कार्रवाई गतिमान है और मंत्रालय का रुख सकारात्मक है।
ऋषिकुल में सात मंजिला हॉस्पिटल का प्रस्ताव
उच्चीकरण के लिए जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। उसमें ऋषिकुल में सात मंजिला हॉस्पिटल का प्रस्ताव रखा गया है। ऋषिकुल कॉलेज में मौजूद पुराने हॉस्पिटल को तोड़कर यह हॉस्पिटल बनाने का प्रस्ताव किया गया है। ऋषिकुल कॉलेज के पास 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है। वर्तमान में यहां पर 11 विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कराई जा रही है। उत्तराखंड में आयुष से जुड़ी हर गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार का भी इस संबंध में राज्य को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आयुष के संबंध में उत्तराखंड के जो भी प्रस्ताव है, उन पर जल्द ही मुहर लग जाएगी।