सरकारी जमीनों से कब्जा हटवाने की राह में अफसर ही सबसे बड़ा रोड़ा बन रहे हैं। अफसर अवैध कब्जों को हटाने के बजाय पीपी एक्ट में कार्यवाही कर रहे हैं। इससे कब्जा तत्काल नहीं हट पा रहा। सरकारी भवनों से कब्जेदारों का कब्जा हटवाने के लिए पीपी एक्ट का पालन किया जाता है। इसके अंतर्गत कब्जेदारों को हटाने से पहले बेदखली के नोटिस से लेकर नुकसान के भुगतान का प्रावधान है। यह अधिनियम सिर्फ सरकारी भवनों-परिसरों से कब्जेदारों को हटाने पर लागू होता है, लेकिन देहरादून में इस अधिनियम का बड़ा दुरुपयोग हो रहा है। पीपी एक्ट में सरकारी नोटिस की कार्यवाही में ही कई साल गुजर जा रहे हैं और कब्जेदार इसका लाभ उठा रहे हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने अफसरों के इस रवैये पर नाराजगी जताई है। चेतावनी देकर कहा, सभी विभाग 15 जनवरी से पहले अपनी विभागीय भूमि से अतिक्रमणों को चिह्नित कर उसे कब्जामुक्त करा लें।
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