फर्जी दस्तावेज बनाकर आश्रम की संस्था का कराया नवीनीकरण

कनखल थाना क्षेत्र में पशुपति नाथ सेवा संस्थान योगेश्वर कुटीर आश्रम के फर्जी दस्तावेज बनाकर संस्था का नवीनीकरण कराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पांच आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, नरेश कुमार शास्त्री उर्फ योगी नरेश नाथ शिष्य महंत स्व. मिश्रीनाथ योगी निवासी पशुपति नाथ सेवा संस्थान योगेश्वर कुटीर ब्रह्म विहार कनखल ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। बताया कि वह संस्था में साल 2009 से वर्ष 2014 तक कोषाध्यक्ष के पद पर रहे। ये 22 अप्रैल 2014 तक विधि मान्य थी। इसके अध्यक्ष महंत मिश्रीनाथ योगी का 17 मई 2014 को निधन हो गया था। इसके बाद सदस्य निरंजन लाल व राजबहादुर सिंह की भी मौत हो गई। इसलिए संस्था का नवीनीकरण पदाधिकारियों ने नहीं कराया। 2017 में उन्हें पता चला कि महंत मिश्रीनाथ की सेवा में रहे रोहिताश शर्मा कार्यालय से दस्तावेज चुरा लिए हैं। आरोप है कि अपने साथी अजय कुमार, दीक्षित कुमार, श्यामसुन्दर शर्मा, संतोष कुमार के साथ मिलकर साजिश की और संस्था का फर्जी तरीके से नवीनीकरण कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। संस्था के नाम की नई फर्जी कार्यकारिणी बनाकर प्रस्ताव तैयार कर उपनिबंधक फर्म सोशायटी एवं चिट्स कार्यालय हरिद्वार में संस्था को नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन किया। आरोप है कि रोहिताश शर्मा ने स्वयं को संस्था का अध्यक्ष दर्शाते हुए फर्जी कार्यकारिणी बनाकर संस्था का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नवीनीकरण 2016 में करा लिया। 2018 में पत्र देने पर जांच के बाद कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटीज देहरादून ने 2022 में नवीनीकरण को निरस्त करने के आदेश दिए। आरोप है कि फर्जी तरीके से नवीनीकरण कराकर चल अचल संपत्ति को हड़पने की कोशिश की थी। थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच की जा रही है।

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