अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने अब अपना ही भू-कानून बना लिया है। सर्वसम्मति से तय किया गया कि गांव में बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेची जाएगी। ग्रामीणों की सहमति के बाद अब यह नियम यहां पूरी तरह लागू हो गया है।
प्रदेश में भू-कानून को लेकर सियासतदां और जनता के बीच लंबी लड़ाई छिड़ी हुई है। जनता की मांग के बाद भी सरकार कानून नहीं बना पा रही है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने अब अपना ही भू-कानून बना लिया है। सर्वसम्मति से तय किया गया कि गांव में बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेची जाएगी। ग्रामीणों की सहमति के बाद अब यह नियम यहां पूरी तरह लागू हो गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ साल से बेशकीमती जमीनों पर भूमाफिया की नजर है। औने-पौने दामों पर ग्रामीणों की जमीन खरीदकर पहाड़ों में होटल और रिजॉर्ट बनाए जा रहे हैं। निर्माण के दौरान भू-माफिया कई बार ग्रामीण क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधन जैसे जंगलों और जलस्रोतों को भी नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन इन सब के बाद भी यहां के ग्रामीणों को न रोजगार मिल पाता है और ना ही वे अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचा पाते हैं। अब सल्ट के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने आपसी सहमति के बाद अपनी जमीन बाहरी लोगों को न बेचने का मन बना लिया है। ग्रामीण आपसी सहमति से लिए गए इस निर्णय की जानकारी प्रशासन को भी देंगे।